अनिरुद्ध भक्तिभाव चैतन्य ‣ अनिरुद्ध भक्तिभाव चैतन्य ‣

अनिरुद्ध भक्तिभाव चैतन्य ‣

सम्राट समुद्रगुप्त का कालखंड यह भारत के ज्ञात इतिहास के स्वर्णयुग के रूप में जाना जाता है| उस समय भारत आये अनेक विदेशी प्रवासियों द्वारा लिखित प्रवासवर्णनों और शिलालेखों से उस समय के भारत के वैभव, समृद्धि एवं सामर्थ्य की जानकारी प्राप्त होती है| कुछ अनुसन्धानकर्ताओं की राय में समुद्रगुप्त के साम्राज्य में आज के भारत का लगभग दो तिहाई हिस्सा शामिल था; वहीं कुछ अध्ययनकर्ताओं की राय में समुद्रगुप्त के साम्राज्य में आज के भारत का दो तिहाई हिस्सा प्रत्यक्ष रूप से और अन्य हिस्सा अप्रत्यक्ष रूप से समुद्रगुप्त के अधिपत्य में था| इतना ही नहीं, बल्कि भारत की आज की सीमा के बाहर रहने वाले छोटे-बड़े लगभग ३० से ३५ राज्य समुद्रगुप्त के अधिपत्य में थे|

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सौजन्य : दैनिक प्रत्यक्ष     
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Aniruddha Premsagar
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