२८) स्वयंभगवान त्रिविक्रम के प्रेम का अनुभव हम कैसे करें?

उत्तर – स्वयंभगवान त्रिविक्रम का नाम-मंत्रगजर, त्रिविक्रम की रूपसुंदरता, त्रिविक्रम की लीलाएँ और त्रिविक्रम का मूल धाम (अर्थात् त्रि-नाथों का अनाकलनीय पवित्र अस्तित्व) इनके प्रति प्रेम रहने से ही कोई भी भक्त अपने आप स्वयंभगवान त्रिविक्रम के प्रेम का अनुभव कर सकता है।

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