उसका ‘शब्द’ ही ‘संरक्षक’ है। – सदगुरु श्री अनिरुद्ध – २३ मई २०१९हरि ॐ, श्रीराम, अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. बड़ी खुशी...