उत्तर – परमेश्वर के प्रति रहने वाली मेरी भक्ति जितने प्रमाण में मेरे अन्तर्मन पर अधिकार रखती है, उसी प्रमाण में मेरे अन्तर्मन में छिपा हुआ अनेक प्रकार का डर धीरे धीरे दूर होते रहता है।
यही है भक्ति का फल।
उत्तर – परमेश्वर के प्रति रहने वाली मेरी भक्ति जितने प्रमाण में मेरे अन्तर्मन पर अधिकार रखती है, उसी प्रमाण में मेरे अन्तर्मन में छिपा हुआ अनेक प्रकार का डर धीरे धीरे दूर होते रहता है।
यही है भक्ति का फल।