उत्तर – हमारे जीवन में आने वाले ९९% सुख-दुख भी थोड़े ही समय में गायब हो जाते हैं अथवा उनका स्वरूप ही बदल जाता है।
इस थोड़े से समय को ठीक से समझ लेना और इस थोड़े से समय में अपने आप को भ्रम में न रखना ही सबुरी है।
यह सबुरी ही मेरे मन में उत्पन्न होने वाले अनावश्यक डर, क्रोध, मोह को दूर कर सकती है।
‘सबुरी’ का अर्थ ‘स़िर्फ राह देखना’ यह नहीं है,
बल्कि इसका अर्थ है- प्रश्न का हल ढूँढ़ने के लिए परिश्रम करते हुए यह विश्वास कायम रखना कि मेरे प्रिय भगवान मेरा घात नहीं होने देंगे, वे मुझे उचित फल देंगे ही।
दुनिया में सभी प्रकार का ढोंग भी किया जा सकता है, यहाँ तक कि अमिरी, वीरता और श्रद्धा का ढोंग भी किया जा सकता है; परन्तु सबुरी का दिखावा कोई भी कभी भी नहीं कर सकता और यहीं पर आकर झूठी श्रद्धा और झूठी भक्ति का भांड़ा फूट जाता है।