उत्तर – त्रिविक्रम के दर्शन से किसी भी भक्त को पहले प्राप्त होती है, मन:शांति। किसी को सौ प्रतिशत मन:शांति प्राप्त होगी, किसी का मन पचास प्रतिशत ही शांत होगा। परन्तु त्रिविक्रम की तसवीर के भी दर्शन के बाद मन थोड़ा सा भी शांत नहीं हुआ, ऐसा कभी भी नहीं होता है और ना ही होगा।