उत्तर – सभी सच्चे श्रद्धावानों के पाप का अर्थात् हालाहल विष (ज़हर) का प्राशन करना, यह त्रिविक्रम का प्रमुख कार्य है और इसी कारण एकमात्र यह ऐसा है कि जिसके चरण पूर्ण विश्वास से पकड़नेवाले, देखनेवाले और उनका (उन चरणों का) स्मरण करनेवाले सच्चे श्रद्धावान के हर एक पाप को यह केवल छोटी सी गलती में परिवर्तित करता रहता है।