हरि ॐ, श्रीराम, अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. हररोज़ किसीने...
श्रेणी: गुरुवार प्रवचन
हम भगवान को पुष्प क्यों अर्पण करते है? – सदगुरु श्री अनिरुद्ध
हरि ॐ, श्रीराम, अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. आप सभी...
उसका ‘शब्द’ ही ‘संरक्षक’ है। – सदगुरु श्री अनिरुद्ध – २३ मई २०१९
हरि ॐ, श्रीराम, अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. बड़ी खुशी...
समर्थ किसे कहते है? – सद्गुरु श्री अनिरुद्ध
हरि ॐ, श्रीराम, अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. त्रिविक्रम....सद्गुरु समर्थ।...
तेरे पास ही सब कुछ है ।- सदगुरु श्री अनिरुद्ध बापू
हरि ॐ. श्रीराम. अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. So....आज जो...
हमारे जीवन की कथा हमें खुद लिखनी चाहिए। – सदगुरु श्री अनिरुद्ध
हरि ॐ. श्रीराम. अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्, बचपन से...
समाज और समय के साथ रहने से मन परिपक्व होता है। – सदगुरु श्री अनिरुद्ध बापू
हरि ॐ. श्रीराम. अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. (बापु घड़ी...
सदगुरु श्री अनिरुद्ध पितृवचन – १८ अप्रैल २०१९ – नामस्पर्श
हरि ॐ. श्रीराम. अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. कुछ दिन...