हरि ॐ, श्रीराम, अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. बड़ी खुशी...
Continue readingCategory: गुरुवार पितृवचन
समर्थ किसे कहते है? – सद्गुरु श्री अनिरुद्ध
हरि ॐ, श्रीराम, अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. त्रिविक्रम....सद्गुरु समर्थ।...
Continue readingतेरे पास ही सब कुछ है ।- सदगुरु श्री अनिरुद्ध बापू
हरि ॐ. श्रीराम. अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. So....आज जो...
Continue readingहमारे जीवन की कथा हमें खुद लिखनी चाहिए। – सदगुरु श्री अनिरुद्ध
हरि ॐ. श्रीराम. अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्, बचपन से...
Continue readingसमाज और समय के साथ रहने से मन परिपक्व होता है। – सदगुरु श्री अनिरुद्ध बापू
हरि ॐ. श्रीराम. अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. (बापु घड़ी...
Continue readingसदगुरु श्री अनिरुद्ध पितृवचन – १८ एप्रैल २०१९ – नामस्पर्श
हरि ॐ. श्रीराम. अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. कुछ दिन...
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