प्रवचन क्लिप टेक्स्ट

रामायण में, सबसे श्रेष्ठ, बात कौनसी है? रामायण में सबसे श्रेष्ठ बात है, ‘सुंदरकाण्ड’। वाल्मिकी ने इसीलिए इसका नाम ‘सुंदरकाण्ड’ रखा है। रामायण का सबसे सुंदर भाग, यानी ‘सुंदरकाण्ड’। इस सुंदरकाण्ड में कथा किसकी है?, यह हनुमानजी की कथा है। रामेश्वरम्‌ में उसने छलांग लगाई, और वो लंका में गया। लंका में सीता से मिला। सीता का शोकहरण उसने किया। इसीलिए, हनुमान का एक श्रेष्ठ नाम माना जाता है, ‘सीताशोकविनाशिने’। अशोकवन में बैठी हुई है सीता शोक करती हुई, हमारे दिमाग में यह बात कभी भी आती नहीं कि, रामायण में सीता शोक करते हुए कहाँ बैठी है? अ-शोक वन में यानी वहाँ कोई रहस्य होना चाहिए। और ऐसे उस अशोकवन में शोक कर रही सीता को, ‘अशोका’ से, हनुमान पुन: छलांग लगाकर रामचंद्र से आकर मिलता है। यहाँ तक की कथा यानी ‘सुंदरकाण्ड’। और ये सुंदरकाण्ड इस संपूर्ण रामायण का शिखर माना जाता है। और वाल्मिकी रामायण की अपेक्षा तुलसीदास के तुलसी रामायण का सुंदरकाण्ड, भक्तों के लिए सबसे प्रिय है, क्योंकि, मन से कहता हूँ बच्चों, अनुष्टुप छंद उन्होंने भी follow किया है, मगर सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि, इस सुंदरकाण्ड में, इस मानव को, सबसे बड़ी बात, सबसे बड़ी बात तुलसीदासजी ने दी है। कौनसी? कितने लोगों को पता है? ये तुलसीरामायण लिखनेवाले तुलसीदास ने खुद पुरी की पुरी जिम्मेदारी, स्विकारके, अपनी सारी तपस्या अर्पण करके, इस विश्व के लिए एक महान बात स्पष्ट की है इस सुंदरकाण्ड में। प्रत्येक भक्त भगवान की प्रार्थना करता है ना, बच्चों?, मगर इस प्रार्थना में श्रेष्ठ प्रार्थना कौनसी होगी?, और सुंदरकाण्ड में, एक चौपाई इतनी सुंदर है, कि जिसमें सीता ने राम की प्रार्थना की है। ‘दीन दयाल बिरिदु संभारी..दीन दयाल बिरिदु संभारी हरहू नाथ मम संकट भारी।’

॥ हरि: ॐ॥ श्रीराम।। अंबज्ञ॥ नाथसंविध्‌॥

author avatar
Aniruddha Premsagar
Scroll to top